student Life. केसे Future निमार्ण करते है|
education is the most powerful weapon |
अगर आप एक स्टूडेंट है या फिर पेरेंट्स ,टीचर आप सबको यह जरूर पढ़ना चाहिए| आपको इसमें काफी कुछ जानने के लिए मिलेगा स्टूडेंट लाइफ के बारे में और एक स्टूडेंट की प्रॉब्लम और उसे माता–पिता कैसे अपने बच्चों को समझा या फिर उनके साथ व्यवहार करें सकते हैं| इस कहानी के जरिए आपको मैं अच्छी तरीके से यह बताने वाला हूं| इसे एक भी शुरू से लास्ट तक जरूर पढ़ें| जिससे आपको पूरी जानकारी मिल सके,एक बार पूरा जरूर पढ़ें|
student Life वह समय होता है।जब
student अपने जिन्दगी का (base )
अधार बनाने की तैयारी कर रहा होता है । Student शिक्षा ग्रहण कर अपने कल को बेहतर बनाने कि तैयारी कर रहा होता है ।
student Lifeअपने Future निमार्ण करते है| शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है| लेकिन बहुत से student शिक्षा का सही अर्थ नहीं जानते है | उनमे उनकी कोई गलती नहीं है , उन्हे बचपन से नौकरी के लिए सलाह दी जाती है | क्या आप भी ऐसा करते है , आज मे अपनी छोटी सी कहानी सुनुँगा जिसे आपको पता चल जाएगा की आप क्या गलती करते हैं |
कहने को तो बुरी बात है।पर कड़वे सच है । जिन्हें एक Student को समझना होगा क्या आपकी जिन्दगी का एक मात्र लक्ष्य बड़ी – बड़ी डिप्रिया हासिल करना एक मात्र हमारा सपना बन गया है । बहुत से विद्यार्थी जो गलती कर पचतते है| वह ही किसे के दबाव में वह सब्जेक्ट चुन लेते हैं जिनमें उनको कोई इंटरेस्ट नहीं होता है यादि अगर आपके आस – पास doctor है जिन्हें आप देखते है की काफी पैसा कमा कहे है या फिर आपके दोस्त डॉकटर, इन्जिनियर
बना रहा है| आप भी उसी को चुनाव कर लेते हो बिना कुछ सोचे समझे ,यह आपकी गलती है ।
आप जानते हैं कि यह आपके जीवन का एक अहम हिस्सा है जब आप अपने जिंदगी के आधार बनाने की कोशिश कर रहे होते हैं आप जानते हैं मकान का जड़
(base) जितना मजबूत होता है मकान उतना ही मजबूत होता है क्योंकि मकान के अंदर आपदाओं को झेलने की शक्ति होती है उसी प्रकार विद्यार्थी
अपने जिंदगी के बेस बनाने के लिए शिक्षा पाते हैं जिससे वह अपने दायित्व को समझें और अपने आप को बेहतर नागरिक, बेहतर जीवन बना सकें| और अपने गांव शहर देश के विकास में मदद करें|
लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अब विद्यार्थी
को बेहतर नागरिक बनने की सलाह के बजाय उन्हें नौकरी करने के लिए तैयार किया जा रहा है
क्योंकि मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है मैं हर एक माता पिता और शिक्षक को यही कहना चाहता हूं कि अपने बच्चों को सही से समझाएं या सही सलाह दी मेरी बात आपको बुरी लगेगी पर मुझे तुम मुझे माफ करना मेरा जितना समय बर्बाद हुआ है किसी और बच्चे का हो और मैं नहीं चाहता कि हर एक बच्चे अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करें|
मैं आपको एक अपनी कहानी सुनाता हूं जिससे आपको यह बात समझ में आ जाएगी
जब मैं 8 से 10 साल का था| तब मुझे यही कहा जाता कि अच्छी तरह पढ़ो और बेहतर नौकरी नौकरी मिले हमारे आसपास के लोग भी यही सलाह देते थे जब वह सरकारी कर्मियों को देखते थे, मला छोटे बच्चे को उसके बारे में क्या समझ नौकरी क्या, मैं पढ़ने जाने इनकार करता हूं और मेरी पिटाई होंडा साथ स्वागत होती उनकी इस हरकत से मुझ पर क्या प्रभाव पड़ रहा था उन्हें कुछ पता नहीं था| वह कभी मुझे सही तरीके से समझा नहीं पाए और कोई यह जानने की कोशिश नहीं करता कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं| सबको सिर्फ अपनी मनमानी करते थे मैं डर के मारे स्कूल जाता लेकिन मेरा ध्यान पढ़ाई पर नहीं रहता| और मैं अपना सारा समय बर्बाद करता हूं ऐसा ही चलता रहा बहुत समय बाद मैं आगे की कक्षा में गया एक दिन हमारे स्कूल में एक नई शिक्षक आए जो हमारे कक्षा की क्लास टीचर थे हमारी रोज की आदत पढ़ाई करने जाना और टाइम बर्बाद करना हम इधर उधर घूमते रहते पढ़ाई को छोड़कर एक दिन हमारे कक्षा के शिक्षक ने हमें बाहर घूमते हुए देख लिया हम करीबन 5 छात्र थे सारे छात्र क्लास जाने से मना कर दिया लेकिन मुझे पता नहीं था कि हमें शिक्षक ने देख लिया है और मैं उसी समय कक्षा में प्रवेश कर गया शिक्षक ने जब मुझे देखा तो उन्होंने मुझे बहुत डांटा बहुत बुरा भला कहा लेकिन उस दिन पहली बार मुझे शिक्षक के डांट फटकार बुरी नहीं लग रहा था सर मुझे बुरा भला सुनाते रहे और मैं चुपचाप उनकी बातों को ध्यान से सुनता रहा आज तक मुझे ऐसे किसी ने भी नहीं समझाया था मुझे काफी अच्छा लगा उनकी डांट मुझे मोटिवेशन की तरह लगने लगी और मैं उस दिन से अपनी इन आदतों को बदलने की कोशिश में लग गया आदत बहुत ही पुरानी थी इसीलिए का एक छोड़ना मुश्किल था लेकिन फिर भी मैं कोशिश कर रहा था तब तक क्लास से काफी आगे बढ़ चुका था हम सातवीं कक्षा में थे और काफी समय छात्रों की सातवीं कक्षा में बीत चुका था लगभग हमने अपने 10 साल को यूं ही बर्बाद कर दिए थे सर के बाद सुनने के बाद मैं दो–चार दिन तक डिस्टर्ब रहा मुझे उस दिन बहुत ही बुरा लग रहा था कि मैंने अपने 10 साल बर्बाद कर लिए और उस दिन से मैं भी पढ़ने में लग गया और इतना अच्छा स्टूडेंट नहीं बन सका हूं लेकिन इतना अच्छा स्टूडेंट जरूर बन गया हूं किसी भी स्टूडेंट को अपने लाइफ के साथ खिलवाड़ करते मैं नहीं देख सकता हूं मैं उनको सलाह देता हूं भले उन्हें अच्छा लगे या बुरा लगे जब वह मुझे इग्नोर कर दें मैं सिर्फ यही सोचता हूं जिस प्रकार मुझे सर की बात समझ आ गई किसी को मेरी बात समझ आ जाए और मेरी तरफ कोई स्टूडेंट अपने महत्वपूर्ण
समय को बर्बाद ना करें
आप सोच रहे होंगे इस कहानी से सीखने जैसा क्या है बहुत बड़ी बात है जो आप को सीखनी चाहिए जरा सोचिए अगर मुझे शिक्षा का सही मतलब शुरू में समझ दिया जाता तो आज मेरे 10 साल बर्बाद नहीं होते और मैं पश्चाताप नहीं कर रहा होता आप 10 साल की कीमत जरूर समझते होंगे 10 साल कम नहीं होते हैं जिंदगी को बदलने के लिए
मैं सभी माता–पिता शिक्षक से यही कहना चाहता हूं कि बच्चों के साथ फ्रेंडली व्यवहार करें जिससे वह अपनी सारी परेशानियां आपको बता सकें और आप उनकी परेशानियों
के सलूशन उन्हें दे सकें| और वो अपने आप को एक बेहतर इंसान बना सकें|
जब बच्चा होता है, अनुशासन के लिए लेकिन इतना दबाव ना डाले कि बच्चे आप से कुछ बोलने से डरे|
आपको अगर यह छोटी सी कहानी अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और आप अपने बच्चों की मदद करें और इसे अपने दोस्तों में शेयर करें और ऐसे ही बात के लिए हमें फॉलो करें|