cl class 10th Physics अध्याय-1
प्र प्रकाश का परावर्तन(reflection of light)
- प्रकाश के परावर्तन से आप क्या समझते है |
- प्रकाश के परावर्तन केनियम |
- प्रकाश के परावर्तन के नियम को लिखे?
- वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंब में क्या अंतर है
- अपसारी, समांतर और अभिसारी किरणपुंज से आप क्या समझते हैं
- पारदर्शी ,पारभासी, अपारदर्शी पदार्थों में अंतर स्पष्ट करें|
- समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब के किन्ही तीन विशेषताएं का उल्लेख करें|
- अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें|
- गोलीय दर्पण की आवर्धन(Magnification) की परिभाषा दें
- गोलीय दर्पण की वक्ता त्रिज्या से आप क्या समझते हैं|
- उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने के साइड के रूप में क्यों किया जाता है|अवतल दर्पण में प्रमाणित करें कि f=R/2 या अवतल दर्पण में वक्रता–त्रिज्या(R) और फोकस दूरी आपके बीच संबंध स्थापित करो| य प्रमाणित करें की अवतल दर्पण में R=2f के?
प्रकाश के परावर्तन-जब प्रकाश की किरण दो माध्यम के संपर्क सतह से टकराती हैं | तो
प्रकाश की किरण का कुछ भाग उसी मध्यम मे वापास चली जाती है | तो यह घटना
प्रकाश का परावर्तन कहलाता है |
लघु उत्तरीय प्रश्न (short answer questions).
1.अपसारी, समांतर और अभिसारी किरणपुंज से आप क्या समझते हैं
ans-अपसारी किरणपुंज:- वैसे किरण पुंज जो एक बिंदु से निकलकर आगे बढ़ने पर फैल जाती है|अपसारी किरणपुंज कहते हैं|
ii) समांतर किरणपुंज:- वैसे किरण पुंज जो एक बिंदु से निकलकर एक –दूसरे के समांतर होते हैं उसे समांतर किरणपुंज कहते हैं
iii) अभिसारी किरणपुंज– वैसे किरण पुंज जो अनेक बिंदुओं स्रोतों से चल कर आगे बढ़ने पर एक बिंदु पर अभिसारीत हो जाती है उसे अभिसारी किरण पुंज कहते हैं
2. पारदर्शी पारभासी अपारदर्शी पदार्थों में अंतर स्पष्ट करें|
ans-पारदर्शी पारभासी अपारदर्शी पदार्थों में अंतर निम्नलिखित है
- ·
पारदर्शी पदार्थ–
पारदर्शी पदार्थ–
i) इसमें प्रकाश की किया आसानी से आ जा सकती है
ii) इस माध्यम से वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है
- ·
पारभासी पदार्थ –
i)इस से होकर प्रकाश की कुछ अंश आ जा सकती है|
ii) इस माध्यम से वस्तु का धुंधला प्रतिबिंब बनता है|
- ·
अपारदर्शी पदार्थ–
i) इससे होकर प्रकाश की कुछ भी अंश नहीं आ जा सकती है
ii) इस माध्यम से वस्तु का प्रतिबिंब नहीं बनता है|
3. प्रकाश के परावर्तन के नियम को लिखे?
ans- प्रकाश के परावर्तन के दो नियम होते हैं
i) आपतन कोण हमेशा परावर्तन कोण के बराबर होता है|
ii) आपति॔त किरण, प्रवर्तित किरण एवं आपतन बिंदु पर डाला गया लंब तीनों एक ही पल में होते हैं|
4.) वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंब में क्या अंतर है|
वास्तविक प्रतिबिंब–
i) किसी बिंदु स्रोत से निकली प्रकाश की किरण दर्पण के परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु पर वास्तविक रुप से कटती है| उस वस्तु को उस वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब कहते हैं|
ii) इसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है
iii) यह उल्टा प्रतिबिंब बनाता है
iv) यह वास्तविक दर्पण में बनता है
आभासी प्रतिबिंब–
i) किसी बिंदु स्रोत से निकली प्रकाश की किरण दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के जिस बिंदु आभासी रुप से कटती है| उसे उस वस्तु का आभासी प्रतिबिंब कहते हैं|
ii) इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है|
iii) यह हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाता है|
iv) अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण दोनों में बनता है
5. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब के किन्ही तीन विशेषताएं का उल्लेख करें|
ans-समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब के किन्ही तीन विशेषताएं का निम्नलिखित हैं|
i) समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब हमेशा सीधा (काल्पनिक) आभासी होता है|
ii) समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब का आकार और वस्तु का आकार बराबर होता है|
iii) समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब की ऊंचाई और वस्तु की ऊंचाई बराबर होती है|
6. अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें|
ans-अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में अंतर निम्नलिखित है
अवतल दर्पण–
i) इस दर्पण से वास्तविक और आभासी दोनों प्रतिबिंब बनते हैं
ii) इस दर्पण का बारी भाग पेंट किया रहता है
iii) इस दर्पण की फोकस –दूरी ऋणात्मक (-)होती है|
iv) यह दर्पण आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है
उत्तल दर्पण–
i) इस दर्पण में केवल आभासी प्रतिबिंब बनते हैं|
ii) इस दर्पण का भीतरी भाग पेंट किया रहता है
iii) इस दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक(+) होती है|
iv) यह दर्पण आवर्धित प्रतिबिंब नहीं बनाता है|
7. गोलीय दर्पण की आवर्धन(Magnification) की परिभाषा दें|
गोलीय दर्पण की आवर्धन की परिभाषा– गोलीय दर्पण कि प्रतिबिंब की ऊंचाई और वस्तु की ऊंचाई कि अनुपात को आवर्धन करते हैं|
आवर्धन = प्रतिबिंब की ऊंचाई/ वस्तु की ऊंचाई
m=-v/u
8. गोलीय दर्पण की वक्ता त्रिज्या से आप क्या समझते हैं|
Ans -गोलीय दर्पण की वक्रता –त्रिज्या (R)दर्पण के ध्रुव (p) तथा केंद्र (c) को मिलाने वाली रेखा(pc) की बीच की दूरी को वक्रता त्रिज्या (R) कहते हैं
9. उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने के साइड के रूप में क्यों किया जाता है|
ans- उत्तल दर्पण बड़े दृष्टि पटल बनाता है| जिसके कारण पीछे से आने वाले वाहन को चालक अपने निकट लगे उत्तल दर्पण में उसका प्रतिबिंब देख लेते हैं| जिससे वाहन को साइड देना आसान होता है| ऐसा होने के कारण उत्तल दर्पण का उपयोग वाहन के साइड मिरर के रूप में किया जाता है|
10. अवतल दर्पण में प्रमाणित करें कि f=R/2 या अवतल दर्पण में वक्रता–त्रिज्या(R) और फोकस दूरी आपके बीच संबंध स्थापित करो| या
प्रमाणित करें की अवतल दर्पण में R=2f के?
Ans- माना कि एमएन एक अवतल दर्पण है जिसका धुव्र (P) तथा दर्पण का केंद्र (C) है|PC दर्पण का मुख्य अक्ष है जिसके समांतर AB प्रकाश की किरण दर्पण पर आपतित किए जाते हैं| जो दर्पण के बिंदु B से प्रवर्तित होकर PC के बिंदु पर कटती है|
pc=R.
, PF=f
प्रकाश के परावर्तन के नियमनुसार
आपतन कोण= परावर्तन कोण
∠ABC = ∠CBF-i
( i=r)
(एकान्तर कोण)
छोटे द्वारक के उत्तल दर्पण के लिए बिन्दु BR> ध्रुव P के काफी निकट है।
प्रमाणित ।
pc||AB,BC उनसे मिलती है तो एकांतर कोण समान होता है
Thanks for reader