Milkha Singh Motivation Biography ( फ्लाइंग सिख)| life story in Hindi.

Milkha Singh Motivation Biography | life story in Hindi.

आज मिल्खा
सिंह जिसे द फ्लाइंग सिख के नाम से भी जाना जाता है , हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके
द्वारा दी गई सीख आज भी है| और आगे भी रहेगा डेडीकेशन फोकस और रिजेक्ट होने के बाद फिर
से कोशिश करना यह सारी बातें उन्होंने हमें सिखाया है इसके बारे में हम अच्छी तरीके
से आज जाने वाले है|

 

मिल्खा सिंह
की मृत्यु 91 वर्ष की उम्र में 18 जून 2021 को करोना से    संघर्ष करने महीनों तक संघर्ष से जूझने के बाद
चंडीगढ़ पीजीआई में उनकी निर्धन हो गई
 

 

 मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 में हुआ था भारत
और पाकिस्तान के दंगों में मिल्खा सिंह जो भी सिर्फ 12 से 15 वर्ष के थे तब उन्होंने
अपने मां-बाप खो दिया इस प्रस्तुति के बाद वह पाकिस्तान से भारत आए जहां उनकी मुलाकात
उनकी बहन से हुई इसके बाद भी अपने भाई से मिले उनके भाई आर्मी में थे तू वहां से  मिल्खा सिंह को आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली
और वह एक भारतीय सैनिक बनना चाहते थे वह कई बार भारतीय सैनिक  बनते बनते रह गए बल्कि उन्हें बार-बार रिजेक्ट कर
दिया जाता उन्हें तीन बार रिजेक्ट कर दिया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी फिर से चौथी
बार प्रयास किया और इस बार उनका सिलेक्शन हो गया और वह भारतीय सेना में चुने गए मिल्खा
सिंह जब मिल्खा सिंह जो आर्मी की ट्रेनिंग में दौड़ते थे तब उन्हें दौड़ने की प्रेरणा
मिली और उन्होंने रेस में भाग भी लिया जोकि आर्मी के लिए था उस रेस में जीतने के बाद
उन्हें प्रेरणा मिली कि वह आगे भी जीते और उनका एक लक्ष्य बन गया था कि उन्हें 400
मीटर की रेस में जीतना है एक रिकॉर्ड बनाना है और फिर उन्होंने उस के लिए मेहनत करना
स्टार्ट कर दिया

 

Bhaag Milkha bhaag –

Bhaag Milkha Bhaag Film – 2013.

मिल्खा सिंह
के जीवन पर एक Film भी निकली थी

 जिसका नाम था भाग मिल्खा भाग जिससे राकेश मेहरा ने
बनाया था 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र एथलीट हैं उन्होंने 1958 और
1962 के एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते

 

छोटी सी गलती
के कारण रहे जीत से दूर

फ्लाइंग सिख

 मिल्खा सिंह छोटी सी गलती के कारण हुए रोम ओलंपिक
में हार गए पूरे भारती को विश्वास था कि वही इस ओलंपिक में जीतने वाले हैं लेकिन कुछ
सेकंड के मिस्टेक के वजह से हुए ओलंपिक में दूसरे स्थान पर आ गए लेकिन फिर भी उन्होंने
हार नहीं मानी और मिल्खा सिंह ने प्रयास करते हैं ऐसे मिल्खा सिंह आज हमारे बीच नहीं
रहे|

 

दोस्तों अगर
आप उनके फेल है तो यह अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें और इस महान पुरुष के बारे में
लोगों को बताएं जो आज हमारे बीच नहीं रहे

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