Genration of computer in hindi

 Generation of Computer ( कंप्यूटर की पीढ़ी)

दोस्तों आज हम लोग जनरेशन ऑफ कंप्यूटर के बारे में चर्चा करने वाले हैं जिसमें हमें काफी कुछ जानने के लिए मिलेगा तो दोस्तों पूरा जरूर पर है इसमें हम लोग पढ़ने वाले हैं कैसे-कैसे कंप्यूटर का आविष्कार हुआ और कंप्यूटर का आकार छोटा होता गया कंप्यूटर में नए-नए फैसिलिटी उत्पन्न हुए कंप्यूटर अधिक तेज और कार्यशील बनने लगे इस सब के बारे में हम इस पोस्ट में पड़ेंगे आपको जल्दी सन ऑफ कंप्यूटर से रिलेटेड बहुत सारे G.k question-Answer. मिलेगा हमारे साथ बने

⇨पहली पीढ़ी(First Generation):-


पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1946-1956) मैं सर्वप्रथम  वेक्यूम ट्यूब  (Vacum Tube) तकनीक का प्रयोग किया गया था| vacum tube की वजह से कंप्यूटर का आकार बहुत बड़ा हो गया था |इसका आकार एक कमरे इतना बड़ा था जिसके कारण या काफी ज्यादा बिजली  की खपत करती थी| वेक्यूम ट्यूब ज्यादा गर्मी उत्पन्न करती थी जिसके कारण इसके टूटने फूटने की समस्या अधिक रहती थी|

➡ प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Operating System नहीं होते थे

➡ प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्राम (Program)को

 पचकार्ड नामक डिवाइस में स्टोर किया जाता था|

➡ प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में गणना करने की क्षमता बहुत कम थी

➡ प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Data डाटा को स्टोर करने की क्षमता बहुत सीमित होती थी|

➡ प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीन भाषा (Machin language)का प्रयोग किया जाता था

➡ यूनीवैक तथा ENIAC पहली पीढी मशीनी उदाहरण है जिन्हें 1945 में बनाया गया था|

➡ यूनिवेक पहला Commercial Computer माना जाता है|

⇨दूसरी पीढ़ी (Second Generation):-

दूसरी पीढ़ी की कंप्यूटर (1956-1963) 1956 में ट्रांजिस्टर की खोज के बाद दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर बनना शुरू किया इन कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाता था जिसके कारण ट्रांजिस्टर का आकार वेक्यूम ट्यूब की अपेक्षा बहुत छोटी होती थी जिसके कारण यह कम स्थान घेरते थे| transistor vacuum tube के तुलना में सस्ते होते थे|

➡ दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के प्रयोग कारण इसकी कार्यक्षमता भी अधिक थी

➡ पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर कम गर्मी पैदा करते थे|

➡ दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटा होता था|

➡ दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को चलाने के लिए पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की अपेक्षा कम बिजली की जरूरत होती थी|

➡ दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर अब मैग्नेटिक कोर का प्रयोग किया गया था|

➡ दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में सेकेंडरी स्टोरेज के लिए पंच कार्ड के स्थान पर मैग्नेटिक टेप और डिक्स का प्रयोग किया जाने लगा था|

➡ दूसरी पीढ़ी में FORTRAM,COBOL जैसे High Level Language का अविष्कार हुआ किस लैंग्वेज में इंग्लिश के अक्षर का प्रयोग किया गया था|

⇨तीसरी पीढ़ी (Third Generation):-

तीसरी पीढ़ी (1964-1971) I.C (Integrated Circut) के विकास के साथ ही आधुनिक कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी का जन्म हुआ अब ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट( I.C) का उपयोग किया जाने लगा|I.C बहुत सारी ट्रांजिस्टरो, रजिस्टरो और क्या पिस्टल एकत्रित करके एक सूक्ष्म डिवाइस का निर्माण किया जाता था| I.C सिलीकान नामक पदार्थ से बनाई जाती है|लोहा, एलमुनियम ,पोटेशियम जैसे पदार्थ होते थे |

➡ तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में I.C के प्रयोग के बाद इसकी कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया| computer अधिक तेज हो गया|

➡ तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम(Opeating System) का उपयोग किया जाने लगा|

➡ तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में High Level Language का प्रयोग किया जाने लगा, जिसका नाम

BASIC था|

➡BASIC- का पूरा नाम Beginners All Purpose Symbolic Intruction Code) है

➡ तीसरी पीढ़ी में मिनी कंप्यूटर का विकास हुआ जो पुराने कंप्यूटर से बहुत छोटे होते थे|

चौथी पीढ़ी (Fourth Generation):-

चौथी पीढ़ी (1971-Present) माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार 1970 में हुआ जिसके साथ ही चौथी पीढ़ी शुरू हुई जिसने कंप्यूटर के युग में क्रांति ला दी अब I.C के स्थान पर माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाने लगा माइक्रोप्रोसेसर जिसको (LSI)के नाम से भी जाना जाता है| 

बनावट-

माइक्रो प्रोसेसर को बनाने के लिए माइक्रो प्रोसेसर की एक छोटी सी चिप में लाखों ट्रांजिस्टर को सूक्ष्म रूप से सम्मानित किया जाता था लाखों ट्रांजिस्टर से निर्मित इस चिप को ही माइक्रोप्रोसेसर नाम दिया गया

माइक्रोप्रोसेसर से निर्मित होने के कारण इसे माइक्रो कंप्यूटर भी कहते हैं|

➡ दुनिया की सबसे पहली माइक्रो कंप्यूटर MITS नाम के प्रसिद्ध कंपनी ने बनाया था|

➡ दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर बनाने वाली कंपनी Intel और AMD है|

➡ चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में मेमोरी को सेमीकंडक्टर पदार्थ से बनी मेथी का प्रयोग किया जाने लगा|

➡LSI- का फुल फॉर्म Large Scale Integrated circut.

➡ चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा होने लगा और इसकी गति बहुत तेज होती थी|

➡ चौथी पीढ़ी में डेटाबेस (Database) कार्य करने के लिए सरल सॉफ्टवेयर Software का निर्माण आरंभ हो गया था|

पांचवी पीढ़ी (Fift Generation):-


पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही विकसित और कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टेक्नोलॉजी पर आधारित है इस जनदर्शन के कंप्यूटर में खुद की क्षमता विकसित की जा रही है अब कंप्यूटर सभी प्रकार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए विकसित किया जाने लगा है आज के कंप्यूटरों को सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इंटरनेट के माध्यम से नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है कंप्यूटर का आकार दिन प्रतिदिन मोटा होता जा रहा है 

जैसे- लैपटॉप, पामटॉप आदि

आज विज्ञानिक मनुष्य की तरह व्यवहार करने वाले कंप्यूटर का निर्माण कर रहे हैं जिन्हें रोबोट कहा जाता है मल्टीमीटर टेक्नोलॉजी का निर्माण भी इसी पीढ़ी में हुआ है जिससे मुख्य रूप

-Graphics,Sound, Animation आदि

 दोस्तों आशा है कि आपको यह पोस्ट पढ़कर काफी सारा नॉलेज मिला होगा आप चाहे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं अगर आप आगे पढ़ना चाहते हैं तो मुझे फॉलो कर सकते हैं मैं मिलता हूं आपसे अगले पोस्ट में👉🏻

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