समस्याओं से कैसे लड़ें ?
समस्याएं आते ही आदमी तनाव में चला जाता है या फिर उससे अपना पीछा छुड़ाना चाहता है आप अगर समस्याएं से भागेंगे तो और ज्यादा ही समस्याएं बढ़ती जाएगी जैसे कि आप अपने आप से यह बोले कि यह काम मैं कल कर लूंगा और कल का कर कर परसों करूंगा ऐसे में क्या होगा कि एक समय आपका काम बहुत ज्यादा हो जाएगा और वह और भी ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है कर सकता है इसी से बचने के लिए मैं आपके लिए इसी परेशानी से बचने के लिए एक बेहतर कहानी लेकर आओ जो है समस्याओं से कैसे लड़े इसे पूरा जरूर पढ़ें और अपनी राय हमें कमेंट में बताएं
शादी के बाद बेटी घर लौटी । पिता से शिकायतें करने लगीं । बोली- वह जीवन के इस संघर्ष को सहन नहीं कर पाएगी । पिता शांत भाव से सुन रहे थे । पिता पेशे से रसोइए थे । वे बेटी को रसोई में ले आए । और पानी से भरे 3 बर्तनों को तेज आंच पर रख दिया । जब तीनों बर्तन में पानी उबलने लगा तो उन्होंने एक बर्तन में आलू , दूसरे में अंडे और तीसरे में कॉफी बीन्स डाल दीं । बिना कोई शब्द कहे , वे चुपचाप बेटी को सुन रहे थे । बेटी नाराज़ थी । समझ नहीं पा रही थी कि पिता आखिर कर क्या रहे हैं ? वह अपनी शिकायतें सुना रही है और वे चुप हैं । बीस मिनट बाद पिता ने सारे बर्नर ऑफ कर दिए । आलू , अंडे और कॉफी को बाहर निकाला और एक कप में रख दिया । नाराज़ बेटी की ओर मुड़कर पूछा- तुम्हे क्या दिखाई दे रहा है ? बेटी तुनककर बोली- आलू , अंडे और कॉफी .. और क्या ? पिता ने समझाया- देखो , आलू जो पहले इतना सख्त दिख रहा था , उबलते पानी में वह कितना कमज़ोर हो गया है । अंडा जब तक संभव था , बाहरी आवरण से भीतरी भाग की रक्षा करता रहा , तब तक वह अंदर से भी सख्त हो गया । और कॉफी को देखो .. उसने तो उबलते पानी को ही बदल दिया । पिता बोले- मान लो .. तुम्हारी समस्याएं उबलता पानी हैं , अब तुम्हें तय करना है- तुम्हारा व्यवहार कैसा होगा- आलू जैसा .. या कॉफी जैसा ।
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